Ravi Varma takes class in JJ

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धूंढीराज ढेर सारे विद्यार्थियों के बीच खड़ा है, पेंटिंग पर लेक्चर सुनते.

कारण एक है, जल रंग जब काग़ज़ पर अवतरित होता है, तो उसके तेज प्रचार को ठीक वक्त रोकने का सामर्थ्य कलाकार में होना चाहिए. तेल रंगो जैसा सुधार वहाँ नहीं किया जेया सकता है. इसका अर्थ यह है की तेल रंग की अपेक्षा जल रंग अधिक प्रभावशाली होते हैं? बिल्कुल नहीं. उल्टे मैं कहूँगा की जलरंग ठीक हैं, पर उसमें शान्ती नहीं है. असली शान्ती है, कोयले में. वो अधिक वास्तविक है. पर रंग जलरंग मैं दौड़ धूप रहती है. तेल रंग की गाती धीमी, अधिक कष्टदायी होती है.