An alchemist

From PhalkeFactory
Revision as of 09:21, 20 April 2015 by HansaThapliyal (talk | contribs)
(diff) ←Older revision | view current revision (diff) | Newer revision→ (diff)

The story of Panditji. Kamal Swaroop

कुछ पागल लोग, कीमियागर (आल्केमिस्ट)लोहे से सोना बनाने की फ़िक्र में लगातार काम करते हुए नष्ट हो गये. कुछ दूसरे ढंग के पागल, ज़मीन में गड़ए ख़ज़ाने को खोजने और कभी ना पा सकने में इतना मशगूल रहे कि उनकी फमिली ने, समाज ने, ज़माने ने उन्हें बेवकूफ़ करार दिया. कई तरह के पागल हुआ करते हैं, और मुझे अब समझ में आने लगा है कि हो ना हो, मैं भी इस श्रेणी में गिने जाने के योग्य हूँ. लेकिन नहीं, मैं फिर से समझदार बनने की कोशिश करूँगा और गद्य लिखूंगा. मैने इस ओर और काम भी शुरू कर दिया है. लेकिन क्या बताऊं कि एक चीज़ है, जिसका नाम है धुन, जिसका नाम है लौ. यह शब्द 'आधुनकि' नहीं हैं. फिर भी उनके अर्थ का अस्तित्व आज भी विराजमान है. वो मुझे कविता की ओर ही ले जाती है. लेकिन मैं वचन देता हूँ की मैं कविता नहीं, बल्कि गद्य लिखूंगा. मैने सोचा है की मैं हर कविता पर एक कहानी लिखूं.

Gajanand Maadhav Muktibodh, ek saahityik kee diary